मेरे झरोखे से

इस श्रंखला में एक प्रसिद्ध लेखक/लेखिका दूसरे प्रसिद्ध समकालीन लेखक के जीवन और कृतित्व के बारे में अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त करता है। निम्नलिखित लेखकों ने अब तक इसमें भाग लिया है :

  • 5 अक्तूबर 1991 को नई दिल्ली में अमृता प्रीतम ने पाकिस्तानी लेखिका सारा शगुफ़्ता पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 7 अगस्त 1993 को नई दिल्ली में विद्यानिवास मिश्र ने ‘अज्ञेय’ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 4 सितंबर 1993 को मुंबई में शितांशु यशश्चंद्र ने उमाशंकर जोशी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 27 अगस्त 1994 को नई दिल्ली में अमृत राय ने सुमित्रानंदन पंत पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 5 सितंबर 1994 को नई दिल्ली में त्रिलोचन शास्‍त्री ने सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 17 जनवरी 1995 को नई दिल्ली में पद्मा सचदेव ने इस्मत चुग़ताई पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 30 मार्च 1995 को नई दिल्ली में गोविन्द मिश्र ने जैनेन्द्र कुमार पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 24 अक्तूबर 1995 को नई दिल्ली में राजेन्द्र यादव ने मोहन राकेश पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 15 नवंबर 1995 को बेंगळूरु में बी. सी. बालचंद्र शर्मा ने अडिग पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 24 नवंबर 1995 को नई दिल्ली में महाश्वेता देवी ने आशापूर्णा देवी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 13 दिसंबर 1995 को बेंगळूरु में प्रभुशंकर ने कुवेम्पु पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 15 दिसंबर 1995 को नई दिल्ली में एच. वाई. शारदा प्रसाद ने शिवराम कारंत पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 5 सितंबर 1996 को चेन्नई में डी. जयकांतन ने भारतीदासन पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 17 सितंबर 1996 को नई दिल्ली में जावेद अख़्तर ने जाँ निसार अख़्तर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 15 नवंबर 1996 को मुंबई में हीरो शेवकाणी ने हरीश वासवाणी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 17 जनवरी 1997 को कोलकाता में सुनील गंगोपाध्याय ने शंख घोष पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 16 मई 1997 को नई दिल्ली में शांतिवीर कौल ने जी. आर. संतोष पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 9 जुलाई 1997 को कोलकाता में कुमार राय ने शंभु मित्र पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 27 जुलाई 1997 को अहमदाबाद में नामदेव ताराचंदाणी ने अर्जुन हाशिद पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 5 जून 1998 को बेंगळूरु में पेरला भरत शर्मा ने विश्वनाथ सत्यनारायण पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 9 सितंबर 1998 को कोलकाता में नवकांत बरुआ ने हेम बरुआ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 7 नवंबर 1998 को मुंबई में प्रेम प्रकाश ने श्याम जयसिंघाणी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 16 अप्रैल 1999 को कोलकाता में महापात्र नीलमणि साहू ने बामाचरण मित्र पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 17 अप्रैल 1999 को लुधियाना में सोहन सिंह शीतल ने रघुबीर सिंह पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 29 जुलाई 1999 को कोलकाता में चंद्र प्रसाद शइकीया ने बी. के. भट्टाचार्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 3 सितंबर 1999 को नई दिल्ली में कृष्ण बलदेव वैद ने नीरद सी. चौधुरी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 28 सितंबर 1999 को विजय तापस ने सतीश आलेकर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 4 जनवरी 2000 को सोलापुर में नागनाथ कोटपल्ले ने भरत सासने पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 29 जुलाई 2000 को इंफ़ाल में आई. एस. कांङजन ने एम. के. बिनोदिनी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 24 अक्तूबर 2000 को कोलकाता में सिद्धेश्वर सेन ने अरुण मित्र पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 23 दिसंबर 2000 को मंगलौर में जी. एस. अमुर ने डी. आर. बेन्द्रे पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 29 मई 2001 को दार्जिलिंग में एम.एम. गुंरुग ने शिव कुमार राई पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 3 अगस्त 2001 को कोलकाता में देवेश राय ने अमियभूषण मजूमदार पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 21 सितंबर 2001 को पणजी में माधव बोखरु ने एम.एल. सरदेसाई पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 7 नवंबर 2001 को उजिरे में कय्यरा किष़न राय ने मंजेश्वर गोविन्द पै पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 18 अप्रैल 2002 को नई दिल्ली में नंदकिशोर नवल ने मुक्तिबोध पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 11 मई 2002 को कालिम्पौंग, पश्चिम बंगाल में योगबीर शाक्य ने भाईचंद प्रधान पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 12 अगस्त 2002 को गुवाहाटी में अशोक कुमार गोस्वामी ने विश्वनारायण शास्‍त्री पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 27 अगस्त 2002 को जम्मू में देशबंधु डोगरा ‘नूतन’ ने बी. पी. साठे पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 26 सितंबर 2002 को कोलकाता में कैलाश पट्टनायक ने चित्तरंजन दास पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 31 जनवरी 2003 को नई दिल्ली में पद्मा सचदेव ने राजिन्दर सिंह बेदी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 8 फ़रवरी 2003 को अल्पुष़ा में मुरली ने कुमारन आसान पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 23 अगस्त 2003 को हैदराबाद में नागल्ला गुरुप्रसाद राव ने तुम्माला सीताराम मूर्ति पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 1 सितंबर 2003 को शिवगंगई में अब्दुल रहमान ने मीरा (एम. राजेन्द्रन) पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 11 अक्तूबर 2003 को राजामुंदरी में विथावलु रामब्रह्मम ने मधुबंपतुला सत्यनारायण शास्‍त्री पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 24 नवंबर 2003 को तिरुवनंतपुरम में के. एस. रविकुमार ने एन. पी. मोहम्मद पर अपने विचार व्यक्त किए।
  • 26 नवंबर 2003 को जम्मू में ज्ञानेश्वर शर्मा ने शिवराम दीप पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 18 अगस्त 2004 को मुंबई में रघुवीर चौधुरी ने स. ही. वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 18 अक्तूबर 2004 को जम्मू में मोहन सिंह ने के. एस. मधुकर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 7 अगस्त 2005 को इंदौर में रश्मि रमानी ने कृशिन खटवाणी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 12 अक्तूबर 2005 को मणिपुर में एच. कन्हाई लाल ने ई. जयचंद्र सिंह पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 17 दिसंबर 2005 को बालासोर में चंद्रशेखर रथ ने मनोज दास पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 18 फ़रवरी 2006 को जम्मू में छत्रपाल ने बंधु शर्मा पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 4 मार्च 2006 को पणजी में प्रह्लाद वाडेर ने पं. महादेव शास्‍त्री जोशी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 13 मई 2006 को हैदराबाद में बी. वेंकटसुब्बया ने पुट्टापार्थी नारायणाचार्यलु पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 24 जून 2006 को तिरुनेवेलि में एस. तमिऴ सेल्वन ने गंधर्वन पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 7 जुलाई 2006 को मुंबई में ढोलण राही ने हरि हिमताणी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 9 जुलाई 2006 को भुवनेश्वर में महापात्रा नीलमणि साहू ने शांतनु कुमार आचार्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 22 जुलाई 2006 को मुंबई में वीनेश अंताणी ने निर्मल वर्मा पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 3 अगस्त 2006 को इंफ़ाल में चौ. मणिहार सिंह ने पं. एन. खेलचंद्र सिंह पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 12 अगस्त 2006 को जम्मू में चम्पा शर्मा ने विश्वनाथ खजूरिया पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 6 जनवरी 2007 को कोकराझार में रामदास बोरो ने कमल कुमार ब्रह्म पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 18 अप्रैल 2007 को मुंबई में सुरेश जी. अमोनकर ने रवीन्द्र केलेकर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 23 जून 2007 को दरभंगा में चंद्रनाथ मिश्र ने सुरेन्द्र झा ‘सुमन’ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 6 जुलाई 2007 को गुवाहाटी में नवसापकोटा ने गीता उपाध्याय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 24 जुलाई 2007 को बेंगळूरु में नटराज हुलियर ने (स्व.) पी. लंकेश पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 28 जुलाई 2007 को अहमदाबाद में चंद्रकांत सेठ ने कवि सुंदरम पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 8 सितंबर 2007 को अजमेर में लक्ष्मण भाटिया ‘कोमल’ ने गोवर्धन भारती पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 24 सितंबर 2007 को मैसूर में जी.एच. नायक ने कुमारव्यास पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 29 सितंबर 2007 को त्रिचूर में के.पी. शंकरन ने एम.टी. वासुदेवन नायर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 3 अक्तूबर 2007 को असम में गोविन्द प्रसाद शर्मा ने इंदिरा गोस्वामी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 6 अक्तूबर 2007 को कोकराझार में विजय बगलरी ने जगदीश ब्रह्म पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 4 नवंबर 2007 को सालेम में बालचंद्रन ‘बाला’ ने मुर्गुसुंदरम पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 13 नवंबर 2007 को नई दिल्ली में महीप सिंह ने जगदीश चतुर्वेदी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 25 नवंबर 2007 को कालीकट में एम.आर. राघव वारियर ने इदासेरी गोविन्दम नायर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 14 दिसंबर 2007 को इंफ़ाल में था. थोम्बी सिंह ने डब्ल्यू. इबोबी सिंह पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 8 जून 2008 को पुणे में एम.डी. हतांगलेकर ने जी.ए. कुलकर्णी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 20 जून 2008 को मुंबई में जयंत पवार ने विजय तेंदुलकर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 5 सितंबर 2008 को नई दिल्ली में हीरो शेवकाणी ने आनंद खेमाणी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 16 नवंबर 2008 को धारवाड़ में जी.एस. अमुर ने शांतिदेसाई पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 22 नवंबर 2008 को दुमका में लक्ष्मीनारायण मुर्मु ने डोमन साहु समीर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 19 जून 2009 को मुंबई में सुरेश द्वादीश्वर ने (स्व.) राम शेवल्कर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 10 जुलाई 2009 को चेन्नई में एस. शानमुग सुंदरम ने नकुलन पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 28 अगस्त 2009 को मुंबई में जी.एम. पवार ने वेंकटेश मदुलकर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 29 अगस्त 2009 को बांकुड़ा (पश्चिम बंगाल) में महादेव हांसदा ने शारदा प्रसाद किस्कू पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 25 नवंबर 2009 को डिब्रूगढ़ में कबिन फूकन ने नीलमणि फूकन पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 28 फ़रवरी 2010 को अहमदाबाद में नामदेव ताराचंदाणी ने प्रेम प्रकाश पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 8 फ़रवरी 2010 को बालेश्वर, ओड़िशा में आशुतोष परिदा ने ब्रजनाथ रथ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 12 फ़रवरी 2010 को इंफ़ाल में नङगोम इबोतोन ने हिजाम गुनो पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 11 मई 2010 को कलिम्पोंग में सुधा गुरुंग ने सानुमती राइ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 24 जुलाई 2010 को नई दिल्ली में शाफ़े किदवई ने मख़दूम मोहिउद्दीन पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 11 नवंबर 2010 को बालासोर (ओड़िशा) में चूंडा सोरेन ने बाबूलाल मुर्म् ‘आदिवासी’ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 11 फ़रवरी 2011 को नई दिल्ली में एम.के. जेटली ने हीरो ठाकुर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 9 सितंबर 2010 को बेंगळूरु में चंद्रशेखर पाटिल ने विनायक कृष्ण गोकाक पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 23 अक्तूबर 2010 को पुदुक्कोट्टी, तमिलनाडु में मु. मेहता ने आर. बालचंद्रन ‘बाला’ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 30 अक्तूबर 2010 को गोवा में तानाजी हलर्नाकर ने रविन्द्र केळेकर पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 28 मई 2011 को दार्जिलिंग में शंकरदेव ढकाल ने बी.बी. मोरिंगळ पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 6 अगस्त 2011 को राजामुंद्री, आंध्रप्रदेश में अमपाशय्या नवीन ने आर.एस. सुदर्शनम पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 16 सितंबर 2011 को सूरत, गुजरात में हिमांशी शेलत ने सरोज पाठक पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 13 नवंबर 2011 को अहमदाबाद में जेठो लालवाणी ने नामदेव ताराचंदाणी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
  • 9 जनवरी 2012 को नई दिल्ली में दिविक रमेश ने जगदीश चतुर्वेदी पर अपने विचार प्रस्तुत किए।